Abstract
यह केस स्वयं एक पत्र का रूप है जो स्कूल के आचार्य एवं शिक्षकों के मध्य संचार बनाता है। आचार्य ने शिक्षकों को आदेश दिया था कि शिक्षकों को स्कूल में विराम के दौरान अपने फालतू समय के 20 मिनट्स स्कूल की केन्टीन में व्यतीत करने चाहिए और छात्रों के साथ बैठकर चाय लेनी चाहिए। शिक्षकों को यह आदेश क्रूर लगा और अनौपचारिक बैठक में अपनी पीड़ा व्यक्त करने में विफल रहने के बाद उन्होंने समूह में मिलकर आचार्य को सामूहिक पत्र लिखा कि उन्हें अपने कार्मिक खंड में ही चाय पीने दी जाये। आचार्य को यह पत्र पढ़कर काफी बुरा लगा और इस रुख में अडग रहीं। वह उन सभी से ऐसी अपेक्षा रखती हैं कि वे आदेश का पालन करें क्योंकि छात्र-शिक्षकों के बीच वह बड़ी अंतर्क्रिया देखना चाहती थी।
Additional Information
| Product Type | Case |
|---|---|
| Reference No. | OB0202-Hindi |
| Title | चाय नहीं परोसी जायेगी (Tea Shall Not be Served) |
| Pages | 2 |
| Published on | Apr 30, 2008 |
| Authors | Vohra, Neharika; |
| Area | Organizational Behaviour (OB) |
| Discipline | Communication, Ethics and Governance, Organizational Behaviour |
| Keywords | Change, Resistance To Change, Change Management, School. Principal, Leadership |
| Country | India |
| Organization | School |
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